एक ऐसी हवेली जहाँ एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए पुल बना हुआ है : दानचन्द चोपड़ा की हवेली

सुजानगढ़ के अधिकतर लोगों को शायद ही इस हवेली के सम्बन्ध में पता हो...

कुछ साल पहले राजस्थान ग्रामसेवक की परीक्षा में प्रश्न भी पूछा गया था कि दानचंद चोपड़ा जी की हवेली कहा पर है..
इस हवेली में प्रवेश करने पर ऐसा लगता है जैसे कि यह कोई कला-दीर्घा हो।
हर तरफ सिर्फ रंग दिखते है, दीवारों पर उकरे रंग, छज्जों में छिपते रंग, आलों में खोए रंग ...।।
हवेली में एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए पूल भी बना हुआ है..
इस हवेली को जो विशिष्ट बनाती है, वह है इस पर बने भित्ति-चित्र।
हवेली की दीवारों, मेहराबों, खंभों पर बने करीब सौ साल पुराने इन भित्ति-चित्रों की शैली और इनका सौंदर्य मनमोहक है।
रख-रखाव के अभाव में चित्रों से रंग उड़ गए हैं तो कहीं भीत उखड़ भी रही है।
लेकिन फिर भी यह हवेली अपने भित्तचित्रो के माध्यम से अपने वास्तुकला के माध्यम से सुजानगढ़ के इतिहास को संजोएं हुए है..

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2 टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
Danchand Chopra ki haveli ka adress do Sujangarh mai
Unknown ने कहा…
Adress batao is haveli ka